नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर क्यों छपती हैं ?
भारत यह देश स्वतंत्रता मिलने के पहले से ही कही परेशानियों से गुजर रहा था। जब स्वतंत्रता मिली तब भी देश इतना मजबूत नही था। भारत में स्वतंत्रता के लिए लढने के लिए कही लोगों ने बलिदान दिए है। सभी प्रकार के आंदोलन और शांति के जरिए से अंग्रेजों को भगाने का कार्य महात्मा गांधीजी इन्होंने किया है। किसी येक के वजह से देश को आजादी नहीं मिली है पर सभी लोगों को एकसाथ लेकर चलने वाले लोगों में से गांधीजी अकेले ही थे। गांधीजी ने देश के लिए जो भी कार्य किए है,वह हमेशा इतिहास में जगह बनाएं रखेंगे। गांधीजी देश के राष्ट्रपिता होने के साथ देश की आजादी को अंत तक लाने में गांधीजी का बड़ा योगदान है। देश में जब हमारी नोटाओं को छापने का वक्त आया तब लोगों को भी पहले समझ में नहीं आ रहा था की, नोटाओ के उपर किसकी फोटो होनी चाहिए।
आज के वक्त से जब हम सावरकर,गोडसे और भगतसिंग को देखते है,तो हमे उनकी गलत बाजुएं भी सामने दिखती है। साधारणतः आजकल के लोग उनके कार्य को गलत ठहराते है। ऐसा नही है की इनका स्वतंत्र मिलवाने में कोई भी हात नही है,पर इन लोगों का समावेश आक्रमक लोगों में होता है। सभी प्रकार के स्वतंत्रसेनानी को अलग–लग गलत कामों में भी पाया गया था। नोटों पर कोई ऐसा आदमी होना चाहिए जिसका देश के प्रति योगदान भी बड़ा हो और वह लोगों को भी मान्य हो। इस तरह के विचार से सबसे सही आदमी यानी हमारे राष्ट्रपिता ही हमारे सामने उभरकर आ रहे थे। 1969 में पहली बार राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी इनकी तस्वीर नोटों के उपर छापना चालू किया गया। 1969 यह जन्म शताब्दी का वर्ष भी था।
दस और पांच रुपयों के नोटों के उपर सेवाग्राम आश्रम की तस्वीर देखी जाती थी,जो की गुजरात में पोरबंदर यहां की थी। कहा जाता है की,1940 की महात्मा गांधीजी इनकी तस्वीर आज के पांच सौ और दो हजार के नोटों पर हम देख रहे है। पहले के वक्त में अशोक चिन्ह ही ज्यादातर नोटों के उपर छापा जाता था। अशोक चिन्ह भारत का राजकीय प्रतीक है जो की सारनाथ से लिया गया है। जब राष्ट्रपिता इनका फोटो नोटों के उपर आने लगा,तब अशोक चिन्ह को दाएं और रखा गया। कुछ सालों के बाद सभी नोटों के उपर महात्मा गांधीजी ही आ गए तथा पहले के सभी प्रकार के चित्र कुछ ही नोटों के उपर देखे जाने लगे। राष्ट्रपिता का फोटो वाटरमार्क के स्वरूप में भी नोटों के उपर आने लगा था।
समय के अनुसार अलग–अलग प्रकार के नोट छापे जाने लगें है। नोट छापने और उसको बनाने का जो भी काम होता है,वह आरबीआई के पास होता है। आरबीआई नोटों के डिजाइन तयार करती है। पहले के नोटों में आपने सिर्फ एक,दो और पांच रुपए ज्यादा देखें होंगे। येक रुपयों के नोटों पर तेलकुआं है। दो रुपयों के नोटों पर भारत के सबसे पहले सैटेलाइट की तस्वीर छपी हुई है। पांच रुपयों के नोटों के उपर खेत जोतता हुआ किसान है,जिसके साथ ट्रैक्टर भी उपस्थित है। दस रुपयों को तो आज भी हम देखते है, दस रुपयों की नोटों के उपर कोणार्क मंदिर,चक्र और मोर की प्रतिमा छपी हुई है।
आपको अब पता चला होगा की,नोटों के उपर महात्मा गांधी इनकी तस्वीर क्यों छपती है। आपका कोई भी प्रश्न हो तो हमे कमेंट करके जरूर बताएं तथा अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कर सकते है।
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