🧠 दिमाग की कमजोरी के क्या लक्षण होते हैं ?

दिमाग की कमजोरी के क्या लक्षण होते हैं ?


पुरे विश्व में भारत देश से निकले हुए कही सीईओ अपना नाम बना रहे है। किसी भी अच्छी जगह पर जाने के लिए दिमाग का होना सबसे महत्वपूर्ण बात है। बिना वैचारिक शक्ति के मानव का जीवन बाकी प्राणियों जैसा बन जायेगा। मानव और जानवरों में दिमाग का ही तो सबसे बड़ा डिफरेंस होता है। मानव में ज्यादा दिमाग और सोचने की शक्ति के कारण वह सबसे आगे निकल गया है। पृथ्वी के सभी प्राणियों के तुलना में मानव जाति के दिमाग की रचना सबसे अलग है और वह दिन ब दिन विकसित हो रही है। जिसका दिमाग जितना ताकतवर होगा उतनी उसकी सोच होंगी,जैसे आइंस्टाइन का दिमाग साधारण लोगों की तुलना में बहोत अलग था।

कही बार जब हम कहते है की,मेहनत का फल कभी न कभी हमे जरूर मिलता है। मेहनत होना ही हमेशा जरूरी नही होता है,उसके साथ दिमागी हालत भी अच्छी होनी चाहिएं जिसके कारण सभी के जीवन में भिन्नता नजर आती है। सभी लोगों के दिमाग येक जैसे नहीं हो सकते है क्यों की दिमाग में कमजोरी भी आ सकती है। दिमाग में कमजोरी आना यह हमारा दोष बिल्कुल ही नहीं है,क्यों की यह जन्म से पहले ही तय होता है। दिमाग में कमजोरी आने की वजह जेनेटिक दोष भी हो सकते है। जेनेटिक समस्याओं के कारण से बच्चों का दिमाग कमजोर ही पैदा होता है। आज के युग में दिमाग कमजोर होने के कही कारण है। कही बार ऐसा भी होता है की,दिमाग जन्म के बाद कमजोर होने लगता है। जन्म के बाद दिमागी कमजोरी के लिए हम खुद जिम्मेदार होते है।

आज के बदलते युग में लोगों के दिमाग के उपर मोबाइल का भूत संवार हुआ है,जिसके कारण लोग पहले से ही भूलने के बीमारी का शिकार बन गए हैं। दिमागी कमजोरी के लक्षण चिड़चिड़े के स्वरूप में भी हो सकते है। चिड़चिड़ापन और भूलने की वजह से अलजायमर और डिमेंशिया जैसी बीमारी युवाओं में तयार हो रही है। युवाओं में आजकल सोचने और समझने की शक्ति ही नहीं बची है। बचपन में कही चीजों को सोच और समझ पाते थे पर बढ़ती उम्र के साथ हम भुल्लक्कड़ बनते जा रहे है। छोटे बच्चों को ज्यादा चीजें याद होती है तथा उनका जीवन भी अच्छा चलता है। आज में आपको दिमाग कमजोर होने के कुछ कारण बताऊंगा जिसको आप जिंदगी में अपना सकतें है। बाल अवस्था और कुमार अवस्था में बहोत फर्क होता है,कुमार अवस्था में कही सारी गलत आदतें लगती है,जिसके कारण दिमाग उन आदतों के आदि बन जाता है और कमजोर होने लगता है।

1) कम पानी पीने के कारण दिमाग कमजोर होने लगता है। कही संशोधनों से पता चला है की,पानी कम पीने के कारण दिमाग सिकुड़ने लगता है। पानी पीने के कारण दिमाग एक्टिव रहता है। पानी सिर्फ दिमाग के लिए महत्वपूर्ण नहीं होता है,पानी के कारण हमारे ऑर्गन भी सही से काम करते है। हमारा शरीर सांठ प्रतिशत पानी से बना हुआ है। 

2) ज्यादा तनाव लेना और गंभीरता से सोचने के कारण दिमाग पर भी असर होता है। दिमाग कमजोर होने में तनाव भी महत्वपूर्ण बात है। तनाव के कारण सोचने और समझने की शक्ति कम होती है। बूढ़े लोगों में हार्ट अटैक और ब्लड प्रेशर बढ़ने का कारण भी तनाव ही है।

3) आजकल लोगों को नशे की आदतें लग चुकी है। नशे की आदतों के कारण भी दिमाग सिकुड़ता है। नशा हमारे सभी शरीर के उपर असर करता है। नशे की जब हमे लत लगती हैं तो समाज का जरासा भी भान नहीं होता है। नशे की लत लगे हुए इंसान कुछ भी कर सकते है। आज के समय कॉलेजों के लड़को को ड्रग्स,गांजा,सिगरेट और गुटका खाने की आदतें लग गई है। यह आदतें स्कूली जीवन बर्बाद कर देती है। धूम्रपान करने के कारण ब्रेन में कोर्टेक्स का भाग भी खराब हो सकता है। नशें के आदी हुए लोगों को आप भी अपने आसपास देखते होंगे की,उनकी जिंदगी किस तरह बर्बाद हो रही है। खैर नशे के उपर भारत सरकार के द्वारा कही निर्णय लिए गएं है,जो की जनहित में है। 

हमारा दिमाग कही चीजों के कारण अफेक्ट होता,दिमाग की कमजोरी के कही लक्षण है। खाने से लेकर बोलने वाली सभी बातें दिमाग के उपर असर करती है। यही कारण है की,

4) पहले के वक्त सभी लोगों को खेत में काम करना होता ही था। खेतों में काम करने की वजह से लोगों का शरीर मजबूत रहता था। समय के साथ लोगों को बैठकर काम करना पड़ रहा है। ज्यादातर सरकारी नौकरी में लोगों को पूरे दिन बैठकर काम करना होता है। इन वजह से शरीर में कही प्रकार की बीमारियां तयार हो रही हैं। आज के वक्त शहर में रहने वालें लोगों को हर रोज योग करना जरूरी हो गया है। हर रोज एक्सरसाइज करने की वजह से हमारा शरीर किसी भी रोगों से बाधित नहीं होता है। 

योग दिमाग की कमजोरी दूर करने साथ ही शरीर के अलग –अलग ऑर्गन को मजबूत बनाता है। कही वैज्ञानिकों के अनुसार जो लोग हर दिन योग करते हैं, उनकी सोचने की शक्ति ज्यादा होती है तुलना में योग न करने वालें लोगों से। 

5) युवाओं में मोबाइल फोन के कही दुष्परिणाम दिखाई दे रहे हैं। मोबाइल फोन के कारण रात–रात जगने के कारण हमारे शरीर का स्लीप साइकिल पूरा गड़बड़ हो रहा है। रात में जागने के कारण दिमाग कमजोर होने के साथ,आखों की समस्या भी निर्माण हो रही हैं। बड़े शहरों में सोने और उठने का कोई समय ही नहीं होता है। लोग जब समय मिले तब सोते है। दिल्ली और मुंबई में कुछ लोग सुबह के चार–पांच बजे सोते है। रात में जगने का कोई भी कारण हो सकता है जिसका सीधा परिणाम हमारे दिमाग के उपर होता है।

6) कॉलेजों में ज्यादातर लोग अपने फ्री समय में गाना सुनना पसंद करते है। कही प्रयोगों में देखा गया हैं की,म्यूजिक सुनने के कारण हमारे दिमाग के न्यूरॉन्स अधिक मात्रा में काम करने लगते है। पढ़ाई करने वालें बच्चे अक्सर म्यूजिक सुनना बहोत पसंद करते है। क्या कभी किसी ने सोचा है की, म्यूजिक सुनना हमारे दिमाग को कमजोर भी बना सकता हैं। 
साधारण और कम आवाज में म्यूजिक सुने तो ही उसके कही सारे फायदे है। आजकल नए–नए इलेक्ट्रॉनिक साधन आएं है जिसके कारण हमारे दिमाग के उपर असर हो ही रहा है पर हमारे सुनने की शक्ति कम हो रही है। अक्सर कुछ लोग कान में ईयरफोन लगाकर बैठते है,जिसके कारण उनको साधारण आवाज सुनने में दिक्कत आती है। हाई साउंड को सुनने की आदत कुछ समय के बाद दिमाग को कमजोर बनाती है। 

जैसे मैने आपको पहले ही बताया था की दिमाग के कमजोर होने के कही लक्षण होते है। जेनेटिक समस्या के कारण आने वाली समस्याओं को कम नहीं किया जा सकता है,पर जो चीजें हमारे हाथ में हैं उसको तो हम सौ प्रतिशत कम करने की सोच तो रख सकते है। दिमाग का जितना ज्यादा इस्तेमाल होगा उतना ज्यादा वह पावरफुल बनने लगेगा। सही और हेल्थी भोजन तथा पर्याप्त नींद भी दिमाग के विकास के लिए आवश्यक तत्व होते है। 

बड़े–बड़े घरों में रहने वाले लोगों के बच्चों को जंक फूड खाने की आदत अधिक होती है। आज के वक्त जंक फूड बड़े लोग ही अफोर्ड कर सकते है। जंक फूड खाने में सबसे अच्छा लगता है पर उसकी वजह से कही सारी दिमागी समस्या आने लगती है। जंक फूड को ज्यादा खाने की वजह से कन्फ्यूजन,उल्टी और अक्सर सरदर्द दिखाई देने लगता है। दिमाग के विकास के लिए आज के वक्त कोई भी औषधी बाजार में उपलब्ध नही है। साइंस के अनुसार देखा जाएं तो दिमाग सभी लोगों अलग–अलग होता है। जीवन में हमे कही बार मानना भी पड़ता हैं की,जिस जगह आज हम है,वही भगवान ने तय किया हुआ हौसला था। 

दिमाग किसी भी औषधि से तेज नही किया जा सकता है। दिमाग का ज्यादा इस्तेमाल करना ही आपको विकसित और सोचने की क्षमता को निर्माण कर के दे सकता है। शरीर को स्वस्थ न रखना,चेहरा मुरझा हुआ दिखना यह भी दिमागी कमजोरी की तरफ इशारा करते है। आपको कही सारे दिमाग कमजोर होने के लक्षण पता चले होंगे,जिसको आप समय के साथ कम कर सकते है। आपका और कोई भी प्रश्न हो तो मुझे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं,तथा यह जानकारी अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करें।

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