🥗 क्या यह भोजन हमे अच्छी कमाई और आरामदायी जीवन देगा ?

क्या यह भोजन हमे अच्छी कमाई और आरामदायी जीवन देगा ?

आज के बदलते समय में हमारी खाना खाने की आदते इतनी बदल गयी हैं, हमे पगार कितना भी हो लेकिन हम रास्ते पर वडापाव ही खाते हैं। 


माना की कोई अलग भी होगा जो की इसी प्रकार का नाश्ता सुबह से खाता होगा। पर आपने कभी जानने की कोशिश कियी हैं की हमारे शरीर के लिए कोनसा खाना अच्छा या बुरा हैं। 

हम जब जल्दी में रास्ते के बहोत अच्छे दिखने वाले होटल में खाना खाते तब आपने कभी उनका किचन देखा है ? सभी जगह खराब या गंदा ही खाना हो यह जरूरी नही हैं पर कई बार यही खाना हमारे शरीर के लिए भी बहोत हानिकारक होता हैं। 

मैने आपको बहोत ही अच्छे और बहोत ही स्वादिष्ठ भोजन,नास्ते के प्रकार निचे बताएं हैं। जिससे आप बहोत ही हेल्थी और तंदुरुस्त रह पाएंगे। पर आपको सभी आदते अपनी बदलनी होगी।

मानो न मानो पर आज प्रदूषण भी एक कारण हैं जो मानव और फ़ूड पर इफ़ेक्ट डाल रहा हैं। उसके कारण ही कई लोगों की जान भी जा रही हैं। बड़े-बड़े इंडस्ट्रीज़ से जो खराब पानी निकालते हैं वही पानी हम खाने की सब्जियों को देते हैं और इस तरह वह हमारी पेट मे जाती हैं।


अगर आप देखें तो आपको अपने माता-पिता से बहुत कुछ विरासत में मिला है। यहां मैं दौलत, पैसा... इन चीजों की बात नहीं कर रहा हूं। मैं यहाँ उन चीजों की बात कर रहा हूँ जो की हमारे मन को शांति दे। यानी योग, आयुर्वेद की संस्कृति और परंपरा। 

पर यह तो लोग भुल ही जाते हैं। यह भी ठीक हैं की सभी लोग अपनी हेल्थ की वजाए उन बातों को ज्यादा सोचते हैं जिसके मायने ज्यादा कुछ नही हैं। यानी यह हमारा समाज, पैसा , रिस्ते। देखा जाए तो यह एक आभास हैं, जो की हमे अपने जीवन मे लूज़र बनाता हैं।  

हजारों वर्षों से चली आ रही 'स्वास्थ्य संस्कृति' इन दिनों समाज में जोर पकड़ रही है।  हम वैश्वीकरण में इतने व्यस्त हैं कि हमें पता ही नहीं चलता कि समग्र स्वास्थ्य की उपेक्षा/बरबादी हो रही है।जीवन में, हम बैंक बैलेंस, बंगला, कार जैसे आर्थिक नियोजन के बारे में बहुत सोचते हैं और उन्हें जीवन में मूल्यवान समय भी देते हैं। लेकिन सभी स्वास्थ्य अलर्ट समान नहीं होते हैं।

हर कोई पैसे के बाद जीवन है यही सोचता हैं। पर आपके पास जितना हैं उसी के साथ अपने स्वास्थ्य का भी थोड़ा बहोत ध्यान रखा जाये तो। 


यदि आप अपने अर्जित धन को खर्च करने के लिए जीवित नहीं हैं, तो वह आपका कमाया हुआ पैसा किस काम का ? हर कोई जानता है कि इन बदलती तकनीकों और मोबाइल फोन के साथ जीवन कितना अलग हो गया है। आपको रात को जल्दी नींद नहीं आती है और इसमें सोशल मीडिया और अकेलापन भी शामिल है। 

यही बहोत बड़ा कारण हैं की आपका पूरा स्वास्थ्य दांव पर है।हममें से कितने लोग प्रतिदिन सूर्योदय देखते हैं ? कितने लोग आधे घंटे तक व्यायाम करते हैं ? या कितने लोग कैलोरी आहार के अनुसार योजना बना रहे हैं ? 

हर छह महीने में एक बार स्वास्थ्य जांच कितनी होती है ? और इन सभी प्रश्न का उत्तर एक ही होता हैं और वह है मुझे क्या हुआ ? मैं तो अभी तंदुरुस्त हु। जबहो जाए तो स्वास्थ्य जांच कराएं!  हर किसी का ऐसा स्वर होता है।आपके स्वास्थ्य में सबसे महत्वपूर्ण चीज आपका दैनिक आहार है।


अच्छे स्वास्थ्य के लिए आहार भी अच्छा होना चाहिए।  आहार में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, फैट का संतुलन खुद ही बनाए रखना चाहिए। ऐसे में हम कैलोरी या पोषक तत्वों की ज्यादा परवाह किए बिना जल्दी से भोजन कर लेते हैं। 

इसपर सबसे पहले आपको नियंत्रण रखना जरूरी हैं। अपने आप को हर बार याद दिलादो की, जब भी मैं खाना या अपने काम के लिए एनर्जी लूंगा वह सही और उतनी ही लूंगा जो की मेरे शरीर की आवश्यकता हैं। अब नाश्ते का ही उदाहरण लेते हैं। नाश्ता एक बहुत ही महत्वपूर्ण भोजन है - यह आपका दिन बना या बिगाड़ सकता है। 

यह भी सही नही हैं की आप रोज एक ही प्रकार का खाना खाएं। रोज रोटी खाना उचित नहीं है उसकी जगह हम बदलकर हम नास्ते की भी रख सकते हैं।


नाश्ता एक बहुत ही महत्वपूर्ण भोजन है - यह या तो आपका दिन बना सकता है या तो पूरा बिगाड़ सकता हैं। पर हम इतना नास्ते के बारेमे बोल रहे हैं पर हम खाएँ क्या?  अब यह सभी का प्रश्न होगा। यदि आप इंटरनेट पर खोज करते हैं, तो आपको बहुत सारे ऊर्जावान खाद्य पदार्थ मिलेंगे, जिन्हें आप घर पर बना सकते हैं और वह आपको बहोत पसंद भी आएंगे।

नाश्ता एक बहुत ही महत्वपूर्ण भोजन है - यह आपका दिन बना या बिगाड़ सकता है।  पोहे, उपमा, शिरा, कभी-कभी इडली, डोसा, भुनी हुई मिश्रित दाल का मिश्रण। ये खाद्य पदार्थ आपको बहुत बड़ी बीमारियों से स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। 

देखा जाए तो यह बनाने के लिए थोडासा ही ज्यादा टाइम लगता है वजाए दाल,भात और रोटियों की जगह। पर हम जितना टाइम हमारे खाने को टोकने को लगाते हैं उतने में हम यह सभी पदार्थ बना सकते हैं और उसकी कम कीमत में। 

जिस तरह आपको उचित नाश्ता और पौष्टिक भोजन करना चाहिए, उसी तरह आपको दोपहर का भी सही भोजन भी करना चाहिए। दोपहर के भोजन के टाइम का उचित उपयोग करें और ऑफिस जाते समय कुछ भोजन जैसे चावल, दो करी पत्ते, अम्बिल, कुछ खाना अपने साथ ले जाएं और छुट्टी के बीच में कोई फल न खाएं इससे आपकी दोपहर की भूख पर असर पड़ेगा है।


प्याज मिर्च पाउडर, मक्खन या दही के साथ कई बार हम खाना खाते है यह भी अच्छा ही हैं शरीर के लिये। यदि आप पराठे (मेथी आलू, पालक गोभी) लेके जाते हैं तो वह भी सबसे अच्छा खाना हैं। टोफू, पनीर, अंडे, घर का बना फलों का रस (ठंडा नहीं), दूध, कभी-कभी फुल्का, महाराष्ट्रीयन शैली की सब्जी, गेंहू की खीर, कुलचे, छोले भटूरे... आप नाश्ते में इनमें से कोई भी चीज चुन सकते हैं।

रोटी खानी है तो ब्राउन ब्रेड खाइए वह सेहत के लिए अच्छी होती हैं। मैदा भी ज्यादा मात्रा में शरीर को नुकसान पोहचांता हैं। इस प्रकार अनावश्यक मैदा और पचने में कठिन खाद्य पदार्थों पर आप ही खुद पाबंदी लगा सकते हैं। इनमें से कुछ पदार्थ वर्जित होंगे। लेकिन उसमें से मैंने सामान्य स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए खाद्य पदार्थों का उल्लेख किया हैं। 


आप जो भी अपनी और से अफोर्ड कर सकते हैं,वह जरूर लें। यदि कुछ लोग समय की कमी के कारण झटपट भोजन कर रहे हैं और अपने बच्चों को बहुत सारा कॉर्नफ्लेक्स आदि दे रहे हैं, तो एक अच्छी कंपनी के पोषण मूल्य की जाँच करने पर जोर दें। 

जिसके कारण वह भी सही खाना खायें। पीछे भी हमने कई बार सुना हैं की,मैगी में प्लास्टिक और धातुओं की भी मात्रा मिली हैं।लेकिन कुल मिलाकर बाहर का कुछ भी हम खरीदे इसकी कुछ भी गारंटी नही होती हैं की वह अच्छा होगा या खराब। 

इस लिए आप अपने बच्चों को ऐसी आदत लगाएं जिससे वह अपना खाना खुद अपने घर मे करे और खायें। इससे बच्चों और परिवार की पारंपरिक खाद्य पदार्थ बनाने की आदत कायम रहेगी। इसका मतलब है कि अनावश्यक कैलोरी से बचा जा सकता है।

ऑफिस में काम का बहुत तनाव होता है इसलिए ज्यादा चाय/कॉफी ओवरडोज लेने से बचें। स्कूल के रास्ते में कई बार वडापाव और चाइनीस की गाड़ियां लगती हैं और बच्चे वहाँ खाते हैं वह बंद करना जरूरी हैं। कई रिसर्च में पाया गया है कि आहार के कारण बच्चे चिड़चिड़े हो जाते हैं।

कई स्कूलों में चाइल्डकैअर के लिए बहुत अलग सुविधाएं भी हैं।स्कूलों में 'लंच टाइम टेबल' होता है।  साथ ही आजकल मां अपने बच्चों के लिए खाने का शेड्यूल बनाती है।  इससे निश्चित रूप से बच्चों और परिवार को फायदा होगा। अब कुछ स्थानों जैसे की केरल में भी पीने के पानी के लिए स्कूलों में पानी की घंटियाँ शुरू की गई हैं। जैन संस्कृति के अनुसार सूर्यास्त से पहले भोजन करने का रिवाज है। 



उसका वैज्ञानिक कारण भी है।  रात का खाना अधिमानतः हल्का होना चाहिए। संतुलित आहार के साथ संतुलित आहार खाना जरूरी है।  शाकाहारियों को अपने आहार में पनीर, चीज,छाछ और दही शामिल करना चाहिए।  

जो मांसाहारी हैं। सप्ताह में दो बार वे मांस खाते हैं तो बेहतर है। हम अपने आहार और आदतों को अलग-अलग तरीकों से बना सकते हैं। हम आहार और भोजन में आने वाली समस्याओं को भी हल कर सकते हैं।

मुझे लगता हैं आप कुछ न कुछ समझ गए होंगे। अगर आपको यह पसंद आया तो मुझे नीचे कमेंट करके जरूर बताएं तथा आपका कोई ऐसा प्रश्न हो तो वह भी नीचे लीखिये मैं आपको उसका उत्तर जरूर प्रोवाइड करूँगा।

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