💊 टाइफाइड का इलाज जल्दी कैसे करें ?

टाइफाइड का इलाज जल्दी कैसे करें ? 

भारत में आजादी के पहले से ही साक्षरता की बहोत ज्यादा कमी है,जिसके कारण कही सारी हेल्थ की समस्याएं हमेशा उभरकर आती है। लोगों में जितनी ज्यादा खुद को अच्छा रखने की समझ होगी उतने ज्यादा लोग रोगों से बचे रहेंगे। जब हमारे पास टाइफाइड इस बीमारी का इलाज नही था तब हमे कही लोगों की जाने गवानी पड़ी थी। समय के साथ हमारे पास ज्ञान आता गया और आज के समय कही तरह के वैक्सीन भारत के पास मौजूद है।

कहा जाता है की टाइफाइड का इलाज जब सही से नही किया जाता है तो वह हमे बार बार होता रहता है। टाइफाइड के होने से हमारी जान भी जा सकती है। इसमें टाइफाइड का इलाज जल्दी कैसे करें ? यह प्रश्न कही बार पूछा जाते है। इस प्रश्न का उत्तर आपको आसान भाषा में कुछ ही मिनट में पता चल जायेगा। आप दिए गए जानकारी को सही से पढ़े और उसको जरूर ध्यान में रखकर अपना सही निर्णय लें। 

1] टाइफाइड जिस बैक्टेरिया से हमे होता है उसे सालमोनेल्ला टायफी कहा जाता है। यह बैक्टेरिया हमे गंदी जगह पर मिलता है। जैसे गावों में की जाने वाली खुली शौच। 

2] टाइफाइड होने के बाद उसका सही डोज न लेने पर वह बार बार होता है। बार बार होने से शरीर उस रोग के प्रति असहाय होता है जिसमे हमारी जान तक जाने की संभावना होती है। 

3] टाइफाइड कही से भी स्प्रेड हो सकता है। जब हम शौच के लिए जाते है और हाथ धोकर खाना नही खाते है तब हमे टाइफाइड हो सकता है। जानवरों की तट्टी से भी बैक्टेरिया कही जगहों पर फैल जाता है। 

4] किसी भी बैक्टेरिया का वजन नाममात्र होता है। इस कारण से वह कही भी हवा के बहाव के साथ जाते हैं। नदी किनारे रहने वाले खेतों और जगहों पर टाइफाइड का ज्यादा असर दिखता है।

5] आजकल पाया जा रहा है की कुछ किसान गंदे पानी में सब्जियां उगा रहे है और शहरों में ज्यादा दाम में बेच रहे है। इसके कारण बिमारिया जल्दी जल्दी संक्रमित हो रही है। 

6] टाइफाइड होने पर हमे सिरदर्द,थकान और जुलाब जैसी समस्या होने लगती है। सर्दी और हमारे शरीर का टेंपरेचर हमेशा बढ़ा हुआ रहता है। 

7] टाइफाइड अगर ज्यादा होने लगता है तब हमारी टूल्स से ब्लड आने लगता है। ब्लडी स्टूल और शरीर में बहोत ज्यादा पेन होना यह टाइफाइड ज्यादा होने का प्रमुख लक्षण है। 

8] टायफाइड होने पर बुखार और बॉडी पेन हमेशा बना रहता है। टाइफाइड के मरीज पहचानने के लिए कही टेस्ट किए जाते है जिसमे वाइडल टेस्ट का नाम सबसे ऊपर आता है। वाइडल टेस्ट के जरिए हम टाइफाइड के मरीज को ढूंढ सकते है। 

9] टाइफाइड सीवियर ट्रीटमेंट एलोपैथी के जरिए करें। टाइफाइड के ज्यादा सिंप्टम नही हो तो आप दूसरी पैथी जैसे होमियोपैथी के साथ जा सकते है। 

10] टाइफाइड पर दिए जाने वाली प्राथमिक दवाएं फ्लूरोक्यूनोलीन,सेफालोस्पोरिन,सेफिक्सिन है। 

11] टाइफाइड होने पर खाना ज्यादा पचता नही और अच्छा भी नही लगता है। गर्म किया हुआ दूध और फिल्टर किया गया पानी पीना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है।

12] बारिश के वक्त में जंगलों और गावों के गंदे विभागों में न घूमे क्यों की बैक्टेरिया कहीं से भी हमारे शरीर तक पहुंच सकता है। 

13] टाइफाइड होने पर हमे खाने का सक्त ध्यान रखना होगा। शक्कर,नमक,मीट और लहसुन को खाने से टालना होगा। इनमे से कुछ हमारे लक्षणों को बढ़ाते है। 

14] टाइफाइड होने पर ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं जिसके कारण शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बनी रहेंगी। 

15] टाइफाइड होने पर थकान हमेशा होने लगती है। इस वक्त में हमे ज्यादा कैलोरी वाले फूड खाना जरूरी होता है। अच्छे धोए हुए फल और उनसे बने ज्यूस को जरूर पिएं। केले और बटाटा यह भी हम टाइफाइड होने पर खा सकते है।

टाइफाइड का इलाज जल्दी कैसे करें ? इस प्रश्न का उत्तर आपको जरूर मिला होंगा। किसी भी बीमारी को झेलने के बजाय उसको होने ही न दे। मैने आपको जो भी बातें बताई है उसके जरिए आप टाइफाइड का इलाज और उससे कैसे बचा जा सकता है ? यह जान गए होंगे। आपका दूसरा भी कोई प्रश्न हो तो हमे जरूर बताएं तथा यह जानकारी आप अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कर सकते है। 

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